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हिंदी काव्यजगत मे एक सशक्त अनुवाद

देविदास फुलारी के एक सशक्त कवि है । ऊनकी कविता का अनुवाद रचनाजी ने इतना जबरदस्त किया है की ये मराठी न होकर हिंदी कविता ही है, ऐसा लगता है। अनुवाद दो भाषाओम् के बीच का एक सेतू है और इस सेतू को मजबूत बनाने के लिये साहित्याक्षर का ये प्रयास जारी रहेगा ।